- मां बगलामुखी जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध सप्ताहिक दिव्य हवन यज्ञ सम्पन्न
जालंधर(सिटी तेज़ खबर ब्यूरो) मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नजदीक लम्मा पिंड चौक जालंधर में मां बगलामुखी जी के निमित्त श्रृंखलाबद्ध सप्ताहिक दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मंदिर परिसर में किया गया। सर्व प्रथम ब्राह्मणों द्वारा मुख्य यजमान जगदीश डोगरा से सपरिवार वैदिक रीति अनुसार पंचोपचार पूजन, षोढषोपचार पूजन, नवग्रह पूजन उपरांत हवन यज्ञ में आहुतियां डलवाई गई।
सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ पर उपस्थित मां भक्तों की मनुष्य जीवन में तप का ब्याख्यान करते हुए कहते है कि जो विषय-कसायों पर विजय दिलाकर आध्यात्मिकता की पृष्ठभूमि पर ला सके, वही वास्तविक तप है। तप का अर्थ होता है शरीर को तपाना, शरीर से तप का अर्थ होता है अपने विषय-कसायों को जलाना। मलाई को तपाने से घी बनता है, सोना तप कर चमकदार कुंदन बनता है, आटे को तपाने पर रोटी बन जाती है, दूध को तपाने से मावा बनता है, ऐसे ही तप करने से आत्मा उज्जवल बन जाती है।
नवजीत भारद्वाज जी ने कहा कि तप उत्कृष्ट होना चाहिए। तप शुद्ध और विषय-कसायों से रहित हो, वहीं तप आत्मा के लिए कल्याणकारी होगा। जिस तप को करते हुए इच्छाओं को रोक न पाएं, विषय-कसायों को नहीं छोड़ पाएं, तो ऐसा तप व्यर्थ है। तप में श्रद्धा-आस्था समाहित होनी चाहिए, तभी तप आत्मा के तेज को बढ़ाता है।
ऐसे ही तप को उत्तम तप कहा गया है। कोई तप करे और तप के साथ खाने की इच्छा भी करे, तो वह उत्तम तप नहीं। तप का महत्व शरीर और आत्मा दोनों के लिए है। तप के साथ संयम हो, तो वही वास्तविक तप है और ऐसा तप तपस्वी को दीर्घायु बना देता है। बिना आस्था, श्रद्धा और धर्म अनुरूप अनुशासन के किए तप से सिद्धी नहीं मिल सकती। तप के साथ शांति, सहनशीलता और समता का होना भी जरूरी है।
नवजीत भारद्वाज जी ने कहा कि भगवान महावीर ने हमें दो प्रकार के तप बताए हैं- एक बाह्य तप और दूसरा अभ्यंतर अर्थात आंतरिक तप। बाह्य तप से शरीर की शुद्धि और आंतरिक तप से आत्मा की शुद्धि होती है। बाह्य तप के साथ-साथ आंतरिक तप का होना अत्यंत आवश्यक है। आंतरिक तप के साथ बाह्य तप न भी हो, तो चलेगा। संसार और स्वर्ग सुख की कामना से किया तप, वास्तविक तप नहीं। इच्छाओं का त्याग करके तप करना ही उत्तम तप है।
इस अवसर पर राकेश प्रभाकर, रिंकू सैनी,अमरेंद्र कुमार शर्मा, नवदीप, उदय ,अजीत कुमार , अवतार सैनी,नरेंद्र,रोहित भाटिया,बावा खन्ना, विनोद खन्ना, नवीन , प्रदीप, सुधीर, सुमीत ,जोगिंदर सिंह, मनीष शर्मा, अरुण कुमार, ऋषभ कालिया,निक्का,विक्की ,गुप्ता,सुक्खा अमनदीप,अवतार सैनी,परमजीत सिंह, राज कुमार,गौरी केतन शर्मा,सौरभ , नरेश,अजय शर्मा,दीपक , सौरभ मल्होत्रा,किशोर,प्रदीप , प्रवीण,राजू, गुलशन शर्मा,संजीव शर्मा,मुकेश, रजेश महाजन ,अमनदीप शर्मा, गुरप्रीत सिंह, विरेंद्र सिंह, अमन शर्मा,वरुण, नितिश, भोला शर्मा,दीलीप, लवली, लक्की, रोहित , मोहित , विशाल , अश्विनी शर्मा , रवि भल्ला, भोला शर्मा, जगदीश,नवीन कुमार, मनीषधीर,वरुण,निर्मल,अनिल,सागर,भूपेश मैनी,चिराग, अश्विनी शर्मा,अमृत,सचीन, तरुण,रमन,देवांश,तेजपाल,शैली बाबी, विशाल,बलविंदर,दीपक, प्रिंस कुमार, पप्पू ठाकुर, बलदेव सिंह भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।
हवन-यज्ञ उपरांत विशाल लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।